Home Astrology Kundli Horoscope मंगल और शनि गर्भपात के कारक | Mars and Saturn causes Abortion

मंगल और शनि गर्भपात के कारक | Mars and Saturn causes Abortion

मंगल और शनि गर्भपात के कारक | Mars and Saturn causes Abortion
मंगल और शनि गर्भपात के कारक | Mars and Saturn causes Abortion

मंगल और शनि गर्भपात के कारक
Mars and Saturn causes Abortion


5 सितम्बर 2013 को मुझे एक फोन आया। एक महिला मुझसे होम्योपैथी सलाह चाहती थी। वह दूसरी बार गर्भवती हुई थी। उसको गर्भावस्था में असुविधा हो रही थी और चिकित्सक ने कहा था कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की धडकनें ठीक से काम नहीं कर रही हैं और उसका गर्भपात होने की सम्भावना है।

मैंने उसे अपनी जानकारी अनुसार सलाह दे दी और जिज्ञासावश ज्योतिषीय विश्लेषण का समय लिख लिया।

सूत्र : 1-यदि पंचम कस्प सब लार्ड 2,5,11 को सूचित करे तो महिला गर्भवती है।

2-यदि पंचम कस्प सब लार्ड 1,4,6,10,8,12 को सूचित करने के साथ ही मंगल, शनि, राहू, केतू से सम्बन्ध हो तो गर्भपात हो जाता है।

जैसा कि उस महिला ने दूसरी बार गर्भधारण किया है तो यहां हम पंचम कस्प सब लार्ड के स्थान पर सप्तम कस्प सब लार्ड को देखेंगे।

चन्द्रमा दिमाग की स्थिति और उसकी परिस्थिति को दर्शाता है। चन्द्र, शुक्र के नक्षत्र और उप में है। शुक्र एक और आठ का स्वामी होकर बारहवें भाव में है, जो चिंता, मायूसी, शल्य चिकित्सा की और इशारा कर रहा है। (8 ), (12) अस्पताल (11) स्वास्थ्य लाभ का भाव है।

क्या गर्भ का संकेत मिल रहा है?

दूसरे बच्चे के लिए सप्तम कस्प का उप स्वामी राहू अपने ही नक्षत्र में है।.राहू, शनि के साथ है और मंगल की द्रष्टि में है। शनि 4, 5 कस्प का स्वामी होकर लग्न में राहू के साथ ही बैठा है। मंगल दूसरे और सातवें का स्वामी होकर दशम में स्थित है। यानि कि महिला दूसरे बच्चे के लिए गर्भवती निश्चित रूप से है।

क्या गर्भपात होगा?

विश्लेष्ण को आगे बढ़ाते हुए देखते हैं कि सप्तम कस्प 5.49.13 डिग्री का है, मेष राशि है। मेष राशि बांझ राशि है।सप्तम कस्प उप स्वामी राहू, शुक्र के उप में है और अपने ही नक्षत्र में है। शुक्र (1,8,12) कह रहा है। राहू, शुक्र की राशि में है (1,8,12), शनि के साथ है (4,5,1), मंगल देख रहा है (2,7,10) और गुरु भी देख रहा है (3,6,9)।

ये सब साफ़ दर्शा रहे हैं कि शल्य चिकित्सा द्वारा गर्भपात होना चाहिए। आठवें भाव के कारण (एक्सीडेंट, शल्य चिकित्सा) और 12 भाव (अस्पताल ) मंगल और शनि ग्रह के योग से बन रहा है। यद्धपि उसी दिन दो बजे के आसपास शल्य चिकित्सा से गर्भपात हो सकता है। ऐसा नजर आ रहा है।

असल में हुआ क्या?

6 सितम्बर 2013 की सुबह वह गर्भपात कराने गई थी। उस समय शुक्र की दशा, शुक्र की भुक्ति, शनि का अंतर और राहू के सूक्ष्म में उस समय चन्द्र, सूर्य के नक्षत्र में गोचर कर रहा था। चन्द्र 11 भाव का स्वामी होकर उसी में था। सप्तम भाव में चर राशि मेष है, जिसके लिए एकादश भाव बाधक है।

यहां पाठक यह देख सकते हैं कि राहू जो छाया ग्रह है और सातवें और ग्यारहवें कस्प का उप स्वामी है, अंततः दशा-भुक्ति-अंतर लेबल पर शुक्र और शनि और इनके सूक्ष्म में गर्भपात हो गया।

सन्दर्भ-(नक्षत्र चिंतामणि, लेखक-सी आर भट्ट और केपी नवरत्नमाला, लेखक-टिन विन) पुस्तकों से लिया गया है।

लेखक-सी वेंकटरवि किरण कुमार