Home Astrology Kundli Horoscope यूं पत्‍थर बन गया भगवान (fools astrology)

यूं पत्‍थर बन गया भगवान (fools astrology)

यूं पत्‍थर बन गया भगवान (fools astrology)

यह किस्‍सा भी महाराज से जुड़ा है। चुनाव के दिनों में महाराज बहुत बिजी रहते हैं। उन दिनों आठ महीने से तो उन्‍हें सांस खाने की भी फुरसत नहीं मिली। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव। यह किस्‍सा एक विधानसभा चुनाव का है। उन दिनों राम की पार्टी वाले कई नेताओं को राहू का भय सता रहा था। सो महाराज को मिला सेकण्‍ड क्‍लास एसी का टिकट।

जयपुर की किसी फार्म हाउस में उनके रहने की पुख्‍ता व्‍यवस्‍था कर दी गई। महाराज की सेवा सुबह एक नेता आता, दोपहर को दूसरा और रात को तीसरा। यही पर घटी थी नेताजी को ज्‍योतिषीय कोण से मूर्ख बनाने (fools astrology) की घटना।

कई दिनों से यही क्रम चल रहा था। रिसोर्ट पर महाराज रोजाना नेताओं की शक्‍ल देख-देख कर बोर होने लगे। तो एक दिन अपने कुछ चेलों को वहीं बुला लिया। अब महाराज की बैठकों के दौर भी वहीं चलने लगे। एक दिन महाराज अपने चेलों के साथ बैठे थे कि एक चेले ने पूछ लिया कि महाराज भगवान कहां है? महाराज तरंग में थे, सवाल पर नाड़ खिंच गई, बोले बेटा वो सामने छोटा सा पत्‍थर पड़ा है ना, उसी में भगवान है।

चेला हंसा तो महाराज तन गए बोले ‘हंस मत, अभी घण्‍टेभर में इसकी पूजा कराके बताउंगा।’ थोड़ी देर में एक नेताजी आए। आते ही उनकी कुण्‍डली देखी और बोले मंगल का भीषण कोप है। एक तांत्रिक क्रिया करनी होगी तभी शांति होगी। तुरंत एक पत्‍थर लेकर आओ। राहू पहले ही पार्टी की जान लिए जा रहा था और मंगल का कोप सुनते ही नेताजी को पसीना आ गया। उन्‍होंने अपने चेले को बोला पत्‍थर लाओ। चेला लपका ही था कि महाराज ने टोका, नहीं आप खुद लेकर आओ। इलाज आपका करना है तो पत्‍थर भी आपको ही लाना पड़ेगा।

गोल-मटोल नेताजी सोफे पर से मुश्किल से उठे। थोड़ी सहायता महाराज ने कर दी। इशारा करके बताया कि वो सामने जो पत्‍थर पड़ा है, उसे ही ले आओ। नेताजी तुरंत पत्‍थर उठा लाए। अब महाराज ने उन्‍हें एक लाल रंग का धागा दिया और कहा इसे पत्‍थर के चारों ओर लपेट दो। नेताजी लगे लपेटने। चकरी का पूरा धागा पत्‍थर पर लपेट दिया, तो उसकी आकृति गोल हो गई। महाराज ने पूजन की विधि बता दी और पत्‍थर को पूजाघर में रखने को कह दिया। नेताजी खुशी-खुशी पत्‍थर को लेकर अपने घर चले गए।

नेताजी के बाहर निकलते ही महाराज ने गर्व से चेले की ओर देखा। चेला नतमस्‍तक, लेकिन चेला भी महाराज का चेला रहा, सवाल दागा कि महाराज नेताजी इस पत्‍थर की पूजा करेंगे क्‍या? महाराज ने कहा चलकर देख लेंगे। दो दिन बाद महाराज अपने चेलों को लेकर नेताजी के घर पहुंच गए। नेताजी बड़े प्रसन्‍न हुए सीधे अपने मंदिर में ले गए और बताया कि दो दिन से वे मंत्र जप रहे हैं और अब गोटियां भी ठीक फिट हो रही हैं। चुनाव के बाद नेताजी जीत गए और शायद अब भी वह पत्‍थर नेताजी के पूजागृह की शोभा बढ़ा रहा होगा। सालों से सुनता और पढ़ता आ रहा हूं कि कण-कण में भगवान है लेकिन महाराज ने इसे सिद्ध करके बता दिया था।