Home Celebrity horoscope analysis नरेन्‍द्र मोदी : खिलाफत के बीच संतुलन का तनाव PM Narendra modi...

नरेन्‍द्र मोदी : खिलाफत के बीच संतुलन का तनाव PM Narendra modi Prediction for 2016

Narendra modi prediction for 2017 astrological prediction by astrologer sidharth

यह साल प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) के लिए कुछ कठिन साबित हो सकता है। सहयोगियों की खिलाफत, स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी शिकायतें और यात्राओं में कष्‍ट संबंधी समस्‍याएं दिखाई देती हैं। प्रधानमंत्री की वास्‍तविक कुण्‍डली के अभाव में प्रश्‍न कुण्‍डली और तात्‍कालिक प्रश्‍न का विश्‍लेषण से यह निष्‍कर्ष (Prediction) निकाले गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की वास्‍तविक कुण्‍डली उपलब्‍ध नहीं है। ऐसे में कुछ ज्‍योतिषी उनकी वृश्चिक लग्‍न की तो कुछ ज्‍योतिषी तुला लग्‍न की कुण्‍डली बनाते हैं। दोनों ही स्थितियों में प्रधानमंत्री की वर्तमान स्थिति का सटीक आकलन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ज्‍योतिष की परम्‍परागत लग्न कुण्‍डली विश्‍लेषण के बजाय प्रश्‍न कुण्‍डली और तात्‍कालिक प्रश्‍न जैसे साधनों से इस वर्ष का आकलन किया जा सकता है। तात्‍कालिक प्रश्‍न ज्‍योतिष की अपेक्षाकृत कम प्रयोग में ली जाने वाली विधि है, इस विधि के जरिए किस व्‍यक्ति विशेष के निकट भविष्‍य का बहुत हद तक सटीक आकलन किया जा सकता है।

तात्‍कालिक प्रश्‍न बताता है कि वर्ष 2016 के लिए प्रधानमंत्री को सात का अंक मिलता है। यह अंक बताता है कि आने वाला दौर कुछ अधिक मुश्किलों भरा रहेगा। निकट सहयोगी जो कि अब तक प्रधानमंत्री के प्रबल सहायकों के रूप में दिखाई दे रहे हैं, शीघ्र ही उनके खिलाफ खड़े नजर आ सकते हैं। राहु के सिंह राशि में प्रवेश के साथ ही ये समस्‍याएं सिर उठाने लगेंगी। जनवरी 2016 में राहु सिंह राशि में आ चुका है और पूरे साल इसी राशि में रहेगा। ऐसे में निदान नहीं हो पाने वाली शारीरिक व्‍याधियां और मानसिक क्‍लेष के साथ यह साल बिताना होगा। किसी निकट सहयोगी के स्‍थाई रूप से विलग होने की आशंका भी बनी हुई है। इन सबके बावजूद लग्‍न मजबूत होने और गुरु चांडाल योग बना रहने के कारण प्रधानमंत्री अपने पद और संतुलन दोनों को बनाए रखने में कामयाब रहेंगे। यद्यपि संतुलन बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री को बहुत अधिक मशक्‍कत करनी पड़ सकती है।

मुश्किल वक्‍त के बावजूद सत्‍ता, राज्‍य पक्ष और संतुलन बना रहेगा, स्‍वास्‍थ्‍य और सहयोगियों के प्रति चिंता का दौर परवान चढ़ेगा। यह दौर वर्ष के अंत तक बना रहेगा।