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गृह- वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Home) : ग्रहों पर भारी कचरा

Vastu for Home घर का वास्‍तु, वास्‍तु सरंचना, वास्‍तु उपचार

वास्तु के कुछ नियम घर में (Vastu Tips for Home) लागू करने पर लाभ तुरंत प्रभाव से दिखाई देने लग जाता है।

इन दिनों दीपावली के मद्देनजर अधिकांश घरों में जमा किए गए कबाड़ को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ कबाड़ जो सालों से बिना काम आए पड़ा रहता है फिर भी उसे निकालने की हिम्‍मत नहीं कर पाते हैं।

अगर इस कचरे को नहीं निकालें तो यह आपके ग्रहों को भी प्रभावित कर सकता है। एक ओर इसे वास्‍तु से सम्‍बद्ध किया जाता है तो दूसरी ओर ज्‍योतिष से। आइए देखते हैं कैसे प्रभावित करता है कबाड़।

नियमित रूप से जमा हो रहे कबाड़ के पीछे यह मानसिकता होती है कि किसी दिन जमा की गई चीजों में कुछ काम आ सकती है। यह उस घर के गृह मालिक की संग्रह प्रवृत्ति को दर्शाता है। कुछ मामलों में यह ठीक हो सकती है, लेकिन घर के किसी भी स्‍थान पर कबाड़ या संग्रह किया जा सकने वाला सामान नहीं रखा जा सकता।

जिन जातकों की राहु की महादशा, अंतरदशा या सूक्ष्‍म अंतर चल रहा हो, उन्‍हें तो विशेष तौर पर ध्‍यान रखना चाहिए।

वास्‍तु के अनुसार किसी भी घर का दक्षिणी पश्चिमी कोना सबसे भारी होना चाहिए। ऐसे में संग्रह योग्‍य वस्‍तुओं को उस कोने में रखा जा सकता है। कुछ मामलों में दक्षिण का कोना भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इस संग्रह में ध्‍यान में रखने की बात यह है कि मिट्टी एवं अन्‍य कचरा वहां नहीं होना चाहिए।

वास्‍तुशास्‍त्र (Vastu Shastra) के सिद्धांतों के अनुसार घर चाहे पूर्वमुखी, पश्चिम मुखी, उत्‍तर मुखी अथवा दक्षिण मुखी होने पर भी उत्‍तर और पूर्व के हिस्‍से हल्‍के, कम वजन के और संभव हो तो खाली होने चाहिए। वहीं दक्षिण और पश्चिम की दिशाओं में अधिकतम वजन रखना चाहिए। इसी सिद्धांत के मद्देनजर गोदाम बनाने अथवा घर का कीमती सामान रखने का स्‍थान दक्षिण पश्चिम (South-West) बताया गया है।

गृह- वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Home)

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पूर्व दिशा (East Direction)

इस दिशा पर सूर्य का अधिकार है। अगर घर के इस दिशा में कचरा या कबाड़ जमा रहता है तो परिवार के मुखिया की घर में ही नहीं चलेगी। इसके अलावा सरकार, राज्‍य एवं प्रभुसत्‍ता से संबंधित मामलों में नुकसान होने की आशंका हमेशा बनी रहेगी। सूखे कचरे के अलावा अगर इस क्षेत्र में गंदा पानी जमा हो रहा हो, सीलन भरी गंदगी हो तो परिवार के पुरुष सदस्‍य पीडि़त रहते हैं।

उत्‍तरी पूर्वी कोना (North East Corner)

इस कोने पर बृहस्‍पति का अधिकार है। वास्‍तु के अनुसार इस कोने में घर का मंदिर होना चाहिए। अगर इस कोण में गंदगी, कचरा या कबाड़ जमा रहता है और यह घर के अन्‍य कोनों से अधिक भारी है तो ऐसे घर में रहने वाले अधिकांश सदस्‍य सुस्‍त होंगे। घर में आलस्‍य पसरा रहेगा। बात-बात में झगड़े होंगे। घर के किसी दूसरे हिस्‍से की तुलना में यह अधिक साफ सुथरा और सुगंधित कोना होना चाहिए। इस क्षेत्र में संग्रह का सामान को कदापि नहीं रखें। अगर रखा है तो उसे दक्षिण पश्चिम के कोने में स्‍थानान्‍तरित कर दें। यहां आमतौर पर ऊर्जा का अधिक स्‍तर होता है, ऐसे में यहां बच्‍चों का कमरा बनाया जा सकता है।

उत्‍तरी दिशा (North Direction)

इस दिशा पर बुध का अधिकार है। यह क्षेत्र घर का रचनात्‍मक क्षेत्र है। इस दिशा में कचरा या कबाड़ होने पर सदस्‍यों में रचनात्‍मकता का अभाव देखा गया है। जो लोग सलाहकार व्‍यवसाय में हैं, हाथ से काम करने वाले हैं अथवा बैंकिंग अथवा वित्‍तीय क्षेत्रों से जुड़े हैं, उन्‍हें इस बात का विशेष तौर पर ख्‍याल रखना चाहिए कि उनके घर के उत्‍तरी क्षेत्र में कम से कम सामान हो। यहां पुस्‍तकें अथवा अपने कार्य से संबंधित औजार रखे जा सकते हैं।

उत्‍तरी पश्चिमी कोना (North-West Corner)

इस कोने पर चंद्रमा का अधिकार है। हालां‍कि इस कोने को अपेक्षाकृत भारी रखा जा सकता है, लेकिन यहां द्रव भाग की बहुलता होनी आवश्‍यक है। ऐसे में किसी अन्‍य ठोस कबाड़ के बजाय ऐसी वस्‍तुएं जो द्रव अवस्‍था में हो यहां संग्रह की जा सकती है। इसके अलावा इस क्षेत्र में पेयजल का संग्रह भी किया जा सकता है। ऐसे पौधे रखे जा सकते हैं जिनमें नियमित रूप से पानी डालने की जरूरत हो।

पश्चिमी दिशा (West Direction)

इस क्षेत्र पर शनि का अधिकार है। शनि से संबंधित वस्‍तुएं जैसे लोहा, जंग खाया सामान, तीखे और नुकीले पदार्थ, गैस सिलेण्‍डर, मशीनों जैसे सामान यहां रखे जा सकते हैं। इस क्षेत्र में भी कचरा नहीं होना चाहिए। शनि न्‍यायप्रिय ग्रह है। यह अव्‍यवस्‍था को अनिर्णय की स्थिति को पसंद नहीं करता। ऐसे में जिस कबाड़ के बारे में आपकी स्‍पष्‍ट राय नहीं हो कि उसे रख लेना चाहिए या फेंक देना चाहिए, उसे इस क्षेत्र में नहीं रखना चाहिए।

दक्षिणी पश्चिमी कोना (South-West Corner)

यह घर का संग्रह का स्‍थान है। पूर्व मुखी घरों में तो इसे उपेक्षित ही छोड़ दिया जाता है। क्‍योंकि यह घर के सबसे पिछले हिस्‍से में आता है। वास्‍तव में इस क्षेत्र पर राहु का स्‍थान होने के कारण यहां सर्वाधिक सावधानी रखे जाने की जरूरत है। इस क्षेत्र में उस सामान को रखा जाता है, जो कीमती हो, सबसे भारी हो और लंबे समय तक जिस सामान को सुरक्षित रखना हो।

इस क्षेत्र को अपेक्षाकृत सूखा और अंधेरेवाला रखना फायदेमंद रहता है। ऐसे में यहां द्रव और सीलन किसी भी सूरत में नहीं होने चाहिए। यहां गंदगी और कचरा होने पर राहु अपने खराब प्रभाव देना शुरू कर देता है और परिवार के सदस्‍य ऐसी समस्‍याओं से रूबरू होते हैं जो वास्‍तविक होने के बजाय मानसिक अधिक होती हैं।

दक्षिणी दिशा (South Direction)

यह मंगल का स्‍थान है। इस क्षेत्र की ऊर्जा दाह प्रकार की होती है। यहां ऐसे सामान को रखा जाना चाहिए जो अपेक्षाकृत कम काम में आता हो, लेकिन जरूरी हो। अगर इस क्षेत्र में कचरा हो या नमी हो या गंदा पानी हो तो परिवार के सदस्‍यों में साहस का अभाव देखा जाता है। इलेक्ट्रिक उपकरण, टीवी, फ्रिज, कम्‍प्‍यूटर और ऐसे ही नियमित ऊर्जा उत्‍सर्जित करने वाले उपकरण इस क्षेत्र में रखे जाने चाहिए।

यहां स्‍टोर बनाएं तो ऐसे ही सामान उसमें रखे जाने चाहिए। पानी तो कदापि नहीं होना चाहिए। कई घरों में यहां सीढि़यां बनाई गई होती हैं और उन सीढि़यों के नीचे बंद स्‍थान बनाकर कचरा भर दिया जाता है। यह परिवार की संपत्ति और सदस्‍यों के तेज दोनों के लिए हानिकारक है।

दक्षिणी पूर्वी कोना (South-East Corner)

यह शुक्र का स्‍थान है। यह घर का सबसे समृद्ध दिखाई देने वाला स्‍थान होना चाहिए। यहां पड़ा कचरा अथवा कबाड़ आपकी समृद्धि को घटाता है। यहां पर फूलों वाले पौधे, मनीप्‍लांट लगाने चाहिए। रसोई इस क्षेत्र में होनी चाहिए। अगर किसी कारण से यहां कमरा बनाना पड़ जाए तो कमरा अच्‍छी तरह सजा हुआ और सुंदर दिखाई देना चाहिए।


किसे कहेंगे कबाड़ : वास्तु के अनुसार  (Vastu Tips for Home)

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आमतौर पर काम में नहीं आने वाले सामान, खराब या नष्‍ट हो चुके सामान को कबाड़ कहा जाता है, लेकिन वास्‍तु के दृष्टिकोण से देखें तो जो वस्‍तु अपने स्‍थान पर नहीं है, वे सभी वस्‍तुएं कबाड़ की श्रेणी में मानी जाएगी। घर में वायु, अग्नि, जल और तेज का अपना अपना स्‍थान है। घर के उत्‍तरी, पूर्वी और उत्‍तरी पूर्वी कोने अपेक्षाकृत हल्‍के होते हैं।

इसी क्षेत्र से ऊर्जा का प्रवाह घर के भीतर की ओर आता है। वहीं घर के दक्षिणी, पश्चिमी और दक्षिणी पश्चिमी हिस्‍से अपेक्षाकृत भारी होते हैं। यहां ऊर्जा का जमाव होता है। ऊर्जा आने के क्षेत्रों में किसी प्रकार की बाधा होने पर घर की समृद्धि और विकास में भी बाधा आती है।

अगर कोई सामान अपने निर्धारित स्‍थान के बजाय किसी दूसरे स्‍थान पर हैं तो हम उन्‍हें कबाड़ की श्रेणी में रख सकते हैं। क्‍योंकि वे घर में उपलब्ध होने के बावजूद फायदा के बजाय नुकसान पहुंचा रहे होते हैं।